हाइपो होने की सम्भावना ४०-५० % रहती है ।३) रेडियो आयोडीन थेरापी:यह सबसे आसान और सुरक्षित इलाज़ है ।
3.
जिन रोगियों पर पहली खुराक का असर नहीं होता, कभी-कभी उन्हें रेडियो आयोडीन की अतिरिक्त, बड़ी खुराक दी जाती है.
4.
जिन रोगियों पर पहली खुराक का असर नहीं होता, कभी-कभी उन्हें रेडियो आयोडीन की अतिरिक्त, बड़ी खुराक दी जाती है.
5.
अलबत्ता पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां खाने से, तरल के रूप में इसे लेने से रेडियो आयोडीन का असर जाता रहता है.
6.
कुछ पशु चिकित्सक शल्य चिकित्सा के बजाय रेडियो आयोडीन इलाज को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि इसमें संज्ञाहरण (एनेस्थीसिया) से जुड़ा जोखिम नहीं है.
7.
कुछ पशु चिकित्सक शल्य चिकित्सा के बजाय रेडियो आयोडीन इलाज को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि इसमें संज्ञाहरण (एनेस्थीसिया) से जुड़ा जोखिम नहीं है.
8.
बिल्लियों की अतिगलग्रंथिता में भी उपचार के वही तीन विकल्प हैं जो मनुष्यों के लिए इस्तेमाल होते हैं (सर्जरी, रेडियो आयोडीन उपचार और थाइरॉइड-विरोधी दवाएं).
9.
बिल्लियों की अतिगलग्रंथिता में भी उपचार के वही तीन विकल्प हैं जो मनुष्यों के लिए इस्तेमाल होते हैं (सर्जरी, रेडियो आयोडीन उपचार और थाइरॉइड-विरोधी दवाएं).
10.
बस एक बार रेडियो आयोडीन की दवा कैप्सूल या द्रव के रूप में दी जाती है और कुछ ही दिनों में सारे लक्षण ठीक होने लगते हैं ।